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Dinesh paliwal

Inspirational

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Dinesh paliwal

Inspirational

।। वीर क्रांतिकारी ।।

।। वीर क्रांतिकारी ।।

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क्रांति की ज्वाला थी तुमसे,

हृदय में अग्नि का संचार था,

मुख से उद्घोषित जो स्वर थे,

मचा बस गोरों में हाहाकार था,

तुम भगत थे तुम थे बिस्मिल,

तिलक संग है आरती तुम्हारी,

सदा ही दमक उठता है माथा,

पढ़ के गाथा मेरे वीर क्रांतिकारी।। 


क्रांति का मंगल ने बिगुल बजाया,

रानी झांसी ने उस को आगे बढ़ाया,

बढ़ते बढ़ते लौ सुभाष तक ये आयी,

रणबाँकुरों ने हिन्द की सेना बनाई,

चोट एक एक चुन के दी थी तुमने,

गोरों पे वो हर चोट पड़ती थी भारी,

ये देश स्वतंत्र है आज बस तुमसे ही,

नमन मेरे भारत के वीर क्रांतिकारी ।। 



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