वीर जवान
वीर जवान
दिल आज नतमस्तक है शहीदों के नाम
असंख्य वीरों को मेरा नमन
खोया है जिसने सिंदूर अपना
वह पत्नी नाजाने कैसे सोई होगी
खोया है जिसने लाल अपना
वह माता भी कहां सोई होगी
शायद उन घरों की दीवारें भी रोई होगी
कतरा-कतरा बहा कर हमने आजादी पाई
इस रक्त के सैलाब का हिसाब देगा कौन
उबलता है खून मेरा आतंकियों के बारे में सोच कर
आखिर कब तक रहूं मैं मौन
छलनी किया जिन दहशतगदो ने सीना हमारा
उन्हें उनकी औकात अब दिखा देनी होगी
घुसकर आतंकियोंं के ठिकाने अब नेस्तनाबूद कर देनी होगी
उन्हें जड़ से उखाड़ देने की घड़ी अब आ गई है
