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Rahul Singh

Inspirational

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Rahul Singh

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क्या हम वास्तव में स्वतंत्र है

क्या हम वास्तव में स्वतंत्र है

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क्या हम वास्तव में स्वतंत्र है ?

ये सवाल मुझको अक्सर झंझोर देती है

स्वतंत्रता बस ये दर्शाता है की

हमारे देश में कोई विदेशी शासन नहीं है

देश जब गुलामी के बेड़ियों में जकड़ा हुआ था

तब असंख्य वीरों ने कुर्बानी दी

तो क्या हम स्वतंत्र है ?


स्वंतंत्रता, शायद कल्पना

स्वंतंत्रता, शायद धोखा

स्वंतंत्रता, शायद छलावा

जब तक हम अध्यात्मिक स्वतंत्र नहीं है


हम अभी भी गुलाम है 

हमारे छुद्र स्वार्थ के

हमारे पूर्वाग्रह के

हमारे मन में छुपी करोड़ों अंधकार के

जब तक हम इनके गुलाम है

तब तक हम स्वंतंत्र नहीं है


जब रात आती है और दुनिया सोती है

भारत अभी भी जग रही होती है 

भारत अभी भी पूर्ण एवं वास्तविक स्वतंत्रता की अभिलाषी है

ऐसी स्वतंत्रता जहाँ देश के हर नौजवान के चेहरे में मुस्कान हो

विभिन्नता में भी एकता हो

आपस में कोई दूरी न हो

अमन चैन और भाईचारा हो


ऐसी सुबह जल्द आए, इसी आशा के साथ अक्सर मैं सोता हूं 

सोचता हूँ जब कल मैं उठूँ, ऐसी ही सुबह हो।


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