वहम
वहम
एक सूरज है मेरा
एक चांद भी
और चंद सितारें ...
कुछ पास और
कुछ बहुत दूर है
मुझसे ............
मगर
महसूस होते हैं
बहुत करीब ....
हर पल का साथ है
खुशनुमा सुबह से
सुहानी शाम तक
और थक हार कर
जब चूर हो जाती हूं
नींद के आगोश में भी
महसूस करती हूं
सभी अपनों को ....
यह प्यारा सा वहम न हो
तो जिंदगी कितनी बेमानी हो जाएं।
