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Rohit Rahgir

Romance

4.2  

Rohit Rahgir

Romance

वह मेरी क्लासमेट थी

वह मेरी क्लासमेट थी

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नटखट सी

अलबेली सी

नादान थी

जवान भी

भोली भाली सीधी साधी

एक चांद हुआ करती थी

थी वह मेरी क्लासमेट

   जो मुझे मुहब्बत करती थी......१ 

पसंद मुझे वह

करती थी

वह पगली मुझ

पर मरती थी

दोस्तों से बहाना कर के

रोज़ मुझे मिला करती थी

थी वह मेरी क्लासमेट

   जो मुझे मुहब्बत करती थी......२ 

मैं शरारत करता था

वह गाली सुनती थी

बचाने के खातिर मुझे

रोज़ वह मार खाती थी

मैं शैतान सा हँसता था

वह पगली हमेशा रोती थी

थी वह मेरी क्लासमेट

   जो मुझे मुहब्बत करती थी......३ 

प्यार तो उसी

से करता था

इजहार करने

से मैं डरता था 

रोज़ उसे तो मिलता था

पर इज़हार से

नाराज़ ना हो,

इस बात का डर भी था 

था मैं किसान का बड़ा लड़का

वह फौजी की छोटी बेटी थी

थी वह मेरी क्लासमेट

  जो मुझे मुहब्बत करती थी........४



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