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Khushi Patil

Romance

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Khushi Patil

Romance

°°°बस इक ख्याल हो तुम°°°°

°°°बस इक ख्याल हो तुम°°°°

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लिखुं क्या❔

चलो आज में लिख ही डालती हूँ

आज में बता ही डालती हूँ कि क्या हो तुम

जो हो तुम, बस वही हो तुम

चलो आज इस खत को में सजां ही डालती हूँ

सुनो फिर

में इक खामोश सी कहानी

और मेरा शोर हो तुम

कलम से में जिसे बिखेर दूँ


उसका शोर हो तुम

में नाचती मोरनी 

तो मेरे मोर हो तुम

इस कविता की रचना में 

पर इसका सार हो तुम

इस सुखे आंगन में


बारिश की बौछार हो तुम

उस टुटते तारे में अभी भी बरकरार हो तुम

में आसमां के इस

पार 

तो सितारों के उस पार हो तुम

और सुनाऊं ❔

चलो फिर सुनो 

इक अनसुनी, अनजानी,


अनकही कहानी का किस्सा हो तुम

अनजाने से सफ़र का हिस्सा हो तुम

में ओ डगमगाती हुई कश्ती 

जिसका सहारा हो तुम

में ओ ढलती शाम सी

तो उगता सवेरा हो तुम

कश्ती जिससे जा गुजरे 

वो दरीया हो तुम


जहां हूँ मैं बस वहीं से कुछ दुर हो तुम

सुहाने से उन ख़्वाबों की गुंजाइश हो तुम

बस मेरे उस चांद सी ख्वाहिश हो तुम

जो हो तुम, बस वहीं हो तुम।


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