वह घर केवल एक घर नहीं होता !
वह घर केवल एक घर नहीं होता !
किसी कि आरज़ू है तो किसी का अरमान,
किसी कि प्रतीक्षा है तो किसी की मन्नत,
वह घर केवल एक घर नहीं होता !
कुछ कि किलकारियाँ यहाँ गूंजती हैं,
तो कुछ का बुढ़ापा यही गुज़रता है,
कुछ को पैदा होते ही नसीब हो जाता हैं,
तो कुछ को पूरी जिंदगी भी नहीं होता,
एक घर केवल एक घर नहीं होता !
ये बनता नहीं केवल सीमिनट से
बल्कि प्यार से,
ये बनता नहीं केवल ईंटों से
बल्कि उम्मीदों से,
यह बनता नहीं केवल सरिए से
बल्कि विश्वास से,
जो लाख तूफानों के बाद भी हंसता-खड़ा रहता है,
वह घर केवल एक घर नहीं होता !
जब अपना घर बनाने कि तमन्ना अधूरी रह जाती हैं,
तब सड़क पर जाते हुए अक्सर निहारते हैं दूसरों के घरों को,
लेकिन छोड़ना ना तुम ये आस
कि एक दिन एक घर तुम्हारा भी होगा
संजोओगे जिसे तुम बड़े ही प्रेम से,
सजाओगे जिसे बड़े ही बेहतरीन तरीके से,
एक दिन एक घर तुम्हारा भी होगा !
लेकिन भूलना ना तुम
कि बनाने में संघर्ष किया है तुमने जिसे,
वह घर केवल एक घर नहीं होता !