अस्तित्वहीन ! अस्तित्वहीन !
देखेंगे क्या-क्या दिखलाती हैंआने वाली जो पुश्तें हैंले ली जगह नई इमारतों ने वृद्ध मकानों की, अब सुनत... देखेंगे क्या-क्या दिखलाती हैंआने वाली जो पुश्तें हैंले ली जगह नई इमारतों ने वृद्...
हमारे तो, दिल ही में दिये, इन टुकड़ों ने, घाव बना...! हमारे तो, दिल ही में दिये, इन टुकड़ों ने, घाव बना...!
लेकिन भूलना ना तुम कि बनाने में संघर्ष किया है तुमने जिसे, वह घर केवल एक घर नहीं होता ! लेकिन भूलना ना तुम कि बनाने में संघर्ष किया है तुमने जिसे, वह घर केवल एक घर नह...
एक और भी था घर मेरा, परियों का जिस में वास था...! एक और भी था घर मेरा, परियों का जिस में वास था...!
रात आँखों में काटता है, वह घर कुछ कहता है ! रात आँखों में काटता है, वह घर कुछ कहता है !