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Prerna Bidalia

Drama

1.8  

Prerna Bidalia

Drama

वादियां

वादियां

1 min
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इन वादियों में

हज़ारों आवाज़ें गूंजा करती हैं,

कभी सफर पर निकलूं तो,

कई से चेहरे नज़र आते हैं,

आड़े टेढ़े, कुछ हसीं,

मगर तेरा चेहरा कहीं नहीं !


शाम के वक़्त,

आँँखें बंद कर लू तो,

लगता है तू साथ है,

खुली आँखों से कभी कभी,

तेरी एक छवि सी नज़र आती है,

छूना चाहूँ तो,

तू कहीं गहरे कोहरे में

गुम हो जाती है !


इन हज़ारों आवाज़ों की गूँज में,

बस एक तेरी आवाज़

को तलाशा करते हैं,

मगर कभी मिली नहीं...!


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