STORYMIRROR

Gopal Agrawal

Abstract

4  

Gopal Agrawal

Abstract

ऊंची उड़ान

ऊंची उड़ान

1 min
218


सुबह उठकर एक बेरोजगार ने

अखबार में नौकरी का इश्तहार देखा,

 अपने दोस्त को बोला,

नौकरी के लिए एप्लाई करते करते थक गए है,

रिप्लाई नहीं आने से दिमाग और कान पक गए है,


लेकिन इस बार जो आॅफर आया है,

सीधे फारेन में ही नौकरी के लिए बुलाया है,

यदि उसमें हो जाता है अपना सिलेक्शन

बन जाएगा हम सब का सुनहरा जीवन,

सुना है, वेतन भी मिलेगा हजारों डाॅलर में


रहना, खाना भी होगा पैकेज के आॅफर में,

दोस्त बोला, तेरी बात में तो दम है,

परन्तु देश के बाहर जाने का हौंसला कम है,

हमने कहा, हम युवा है कभी हिम्मत नहीं हारते,

जोश, होश से काम कर सबकी मुसीबत तारते है,


अरे अभी से पीछे हटेगा, तो आगे कैसे बढ़ेगा,

घर परिवार पर आई मुसीबत को कैसे हरेगा,

जोश-हिम्मत-हौंसला ही युवा की पहचान है,

डर मत, आगे बढ़, एक बार छूना आसमान है

हौसले के साथ उड़ना एक बार ऊंची उड़ान है।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract