ऊंचाई वाला नेता
ऊंचाई वाला नेता
ऊंचाई के मद में देखो होता नेता चूर है
ऊंचाई पर पहुंचने को वो बड़ा ही आतुर है
ऊंचाई है सबको प्यारी
सबको लगती है वह न्यारी
हो चाहे वह नर या नारी
ऊंचाई पर बैठा व्यक्ति राष्ट्र निर्माण को
करता वह अपनी मनमानी भूल कर देश हित को
ऊंचाई के आगे घुटने टेक देता इंसान है
उसको लगता अपना नेता सबसे महान है
नेता करता रैली दौरे महामारी के दौर में
सबको छोड़ भागे वह सत्ता के मोह में
अपना क्या है हम भी चले जाते हैं शोर में
भरी जवानी में इंसान मर जाता है भीड़ में
इस महामारी में मानव दानव में फर्क करो
आंखें खोलो ऊंचे कद के नेता पर न गर्व करो।