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Chandramohan Kisku

Abstract

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Chandramohan Kisku

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उसका भविष्य

उसका भविष्य

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उसे फिर से 

चिंता हुई 

यह मिट्टी का घर 

पहाड़ को काटकर 

बनाई खेत 

ससानदिरी, जाहेर थान 

पहाड़ी घाटी की

ठण्डी झरने 

गाँव के पास से बह रही 

जीवंत नदी 

सभी कुछ 

छोड़कर जाना पड़ेगा उसे


क्योंकि

यहाँ की धरती के अंदर 

काला हीरा है 

सरकार यहाँ खदान खोदेंगे 

खदान में काम करनेवाले 

मजदूरों के लिए 

कॉलोनी बनेगी


उसके ही जमीन के अंदर 

मिलेगा क्यों कोयला?

या अन्य पदार्थ ही 

वह किस पर 

गुस्सा प्रकट करेंगे?

अपने भाग्य पर 

अपने पुरखों पर 

या

सिङ्गबोंगा पर ही 


यह खदान चालू होने पर 

बहुत लोगों का 

भाग्य चमकेगा 

और उसका तो भविष्य ही 

अंधकार हो जायेगा 

कोयले के जैसा काला अँधेरा

क्योंकि

उसे, वहाँ से भगा दिया जायेगा...


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