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Pinki Murmu

Abstract Fantasy

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Pinki Murmu

Abstract Fantasy

उसे भी गुलाल है पसंद,

उसे भी गुलाल है पसंद,

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उसे भी गुलाल है पसंद, 

रंगों का यह त्यौहार है पसंद।

 भूल जाए मिट जाए हर विषवार, 

हर रंगों का महक है पसंद।

 उसे भी गुलाल है पसंद।


जहां द्वेष भुल मिल जाए गले,

ऐसी बहार सदाबहार है पसंद,

 उसे भी गुलाल है पसंद।

बुराई को जलाकर, प्रेम अपनाकर,

 समर्पण का हर भाव है पसंद,

रिश्तों कि चासनी मीठी रस डुबोकर 

भूली हर खटास है पसंद,

उसे भी गुलाल है पसंद।


चढ़ाकर रंग हर्षोल्लास का,

नाकामियों को छोड़,

सफलता का स्वाद है पसंद।

 भर नये उमंगों का घोल,‌

छि‌‌ङकना हर रंगों का रंग,

क्या नीला, क्या पीला, लाल - गुलाल

 रंगों से सना हर छटा में बसी,

 स्वागत करती नयी मौसम का 

हर रंगों का बहार है पसंद,

उसे भी गुलाल है पसंद 

रंगों का यह त्यौहार है।


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