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Milind Gopal

Tragedy

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Milind Gopal

Tragedy

उनकी सीख

उनकी सीख

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उनकी ख़्वाइशो के कारण,

मैं उड़ना सीख गया

कर ली ऐसी मोहब्बत,

मै डूबना सीख गया।


उनकी तारीफों मे कोई

कमी कैसे होने दुं,

खा कर धोखा मैं फिर से

जुड़ना सीख गया।


मेरे दूर जाने से वो

फूट फूट कर रोती थी,

दो दिन की दूरी से पहले

बाहों मे भर लेती थी।


मेरे हाथों को अपने हाथों

से थामे रखती थी,

मुझ संग इक छतरी के

नीचे बरसात गुज़ारा करती थी।


वैसे तो उन्होने मुझको

काफी हद तक संवारा है,

जैसा भी मै आज हूं

ये उनका ही तो सहारा है।


यूं ही नहीं मै उनके,

कारण लिखना सीख गया,

खा कर धोखा मैं,

फिर से जुड़ना सीख गया।


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