उम्र का तकाज़ा
उम्र का तकाज़ा
पता नहीं लोग उम्र छुपाते हैं क्यों
तज़ुर्बे के सफ़ेदी को
काले रंग में ढक देते हैं क्यों ??
बढ़ती उम्र से कोई दुश्मनी तो नहीं
हर झुर्रियों के साथ एक कहानी जुड़ी
ऊपर गहरी सफेदी मल लेते हैं क्यों ??
आहिस्ता आहिस्ता ख़ामोशी जकड़ लेती है क्यों
अनजानी खौफ आंखों से नज़र आती है
चश्मे के पीछे उसे छुपाने की कोशिश करते हैं क्यों??
कामयाबी के किस्से बार बार दोहरा के
बेसबब अपनी बेबसी से नज़र चुराते हैं क्यों??
नाकामयाबी से तग़ाफ़ुल करते हैं क्यों??
बची खुची जिंदगी के लुत्फ़ उठाने
शबाब की यादों में खोये रहते हैं क्यों ??
ये दौर भी हसीन है समझते नहीं क्यों ??
उल्फ़त के किस्से किसे सुनाएं
ज़माने के तग़ाहुल से परेशान
खामखां इन बेदर्दो के पीछे वक्त जाया करते हैं क्यों ??
बिस्तर पर कोरे कागज़ बिखरे पड़े हैं
उनके सीने पर उतारते नहीं क्यों ??
बेफालतू सूनी सड़क ताक़ते रहते हैं क्यों ??