उजाले का सूरज
उजाले का सूरज
जब हद से ज्यादा अँधेरा बढ़ जाए तो समझो कि रोशनी का सूरज निकलने वाला है।
मुश्किलों भरी ज़मीन पर उम्मीदों के फूल खिलने की आशा को बल मिलने वाला है।
हम अक्सर घुटने टेक देते है छोटी- छोटी परेशानियों के सामने,
हार मान कर बैठ जाते है बिना परिस्थितियों को जाने।
चाहे तो थोड़ा दम लगा कर आगे निकल सकते है।
अपनी इच्छाशक्ति और मनोबल से हर मुश्किल को पीछे छोड़ सकते है।
हार और जीत का फैसला खुद हमारे हाथों में होता है।
हम चाहे तो शिखर नहीं तो सिफ़र हमें छू सकता है।
