एक शहीद की गाथा
एक शहीद की गाथा


आज फिर लुटा है, सुहाग किसी सुहागन का।
आज फिर एक माँ ने अपना बेटा खोया है।
आज फिर झलक आई है एक बहन की आँखे।
और एक बच्चे के सिर से बाप का साया उठा है।
आज फिर छिन गया है बचपन किसी मासूम का।
और आज फिर से सारा देश रोया है।
आज फिर ना लौटा है एक भाई,एक पति,
एक बाप और एक बेटा।
आज फिर एक सैेनिक शहीद हुआ है।
अश्रुपूरित श्रधांजलि देश के शहीद जवानों को,
पूरा देश उन परिवारों के साथ खड़ा है।
शत शत नमन!!! जय हिन्द!!