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Deepika Mishra

Abstract

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Deepika Mishra

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क्या रखा है व्यर्थ की लड़ाई में

क्या रखा है व्यर्थ की लड़ाई में

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क्या रखा है व्यर्थ की लड़ाई में ?

चार दिन की ज़िंदगी है ये,

कर ले कुछ काम भलाई के।


वर्ना यूँ ही लड़ते लड़ते एक दिन

पूरी ज़िंदगी निकल जाएगी,

चाहेगा तो भी वो रवानी

फिर लौट कर न आएगी।


हर किसी का एक मकसद होता है

इस दुनिया में आने का,

अपने काम और हुनर से अपनों के ही नहीं

औरों के जहन में जगह बनाने का।


प्यार और अपनापन बदल देता है

हर नफ़रत को लगाव में।

अगर चाहे तो कर सकते है अपना हर पल

सार्थक उस खुशी और शांति की राह में।


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