उड़ने दो!
उड़ने दो!
मेरे सपने भी बड़े हैं तुम लोगों की तरह ही,
इसलिए मैं भी पढ़ना चाहती हूं तुम लोगों की तरह ही,
सवाल मत करना कि मैं एक लड़की हूं!
मेरी नज़र व नजरिये को झांककर देखो,
मेरे हौसले, जब्ब़े, दुनिया को फतह करने की चाहत
दबे हैं मेरे अंदर बस तुम लोगों की तरह ही।
ऊंचाइयों को छूना सिर्फ पंछियों की किस्मत नहीं है!
मुझे भी खुले आसमान में उड़ने तो दो!