उद्धार करो।
उद्धार करो।
महामारी का है समय माता, मेरे हृदय में आ जाओ।
कैसे इससे छूट मिलेगी, कृपा करके बदला जाओ।।
माँ हम तो हैं बड़े अभागे, पहले तुम्हें ना पुकार सके।
आया अब विकराल समय, किस विधि तुम्हें मना सकें।।
जीवन नैया डूब रही अब, माता हमें बचा जाओ...
अहंकार के पर्दे ने, समझने का कोई न मौका दिया।
जब -जब होय धरम की हानि ,प्रलय ने आकर चौका दिया।
भटक गए माता हम पथ से, धीरज हमें बंधा जाओ...
माता वो दिन याद है मुझ को, शीश कभी ना झुकता था।
आज संसार की इस व्यथा में, तुम्हारी याद में मरता था।।
उद्धार करो हम सब प्राणियों का," नीरज "को समझा जाओ...