Gautam Sagar

Inspirational

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Gautam Sagar

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कल कर लेंगे चिंता जीवन की

कल कर लेंगे चिंता जीवन की

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कल कर लेंगे चिंता जीवन की 

आज लिखने दो कविता जीवन की 

दौड़ो पर्वत पर कि तेज़ हो सांसें

और टूटे शीतलित जड़ता जीवन की !


दुःख शोक के जीवन चित्रों में

नई-सी मुस्कान भरने दो

स्वप्न पक्षियों ने खोले है पंख

उन्हें नई उड़ाने भरने दो !


तोड़ के सारे गुप्त तहखाने

आने दो बाहर निजता जीवन की

कल कर लेंगे चिंता जीवन की

आज लिख लेने दो कविता जीवन की !


अतीत सरोवर सड़ा जलाशय

अभी का क्षण अमृत की बून्द है

जिसको हम सब कहते है भविष्य

वह कल्पनाओं की गहरी धुंध है !


हम कस्तूरी मृग की भांति, नहीं जानते

हम ही है सुवासित सत्ता जीवन की

कल कर लेंगे चिंता जीवन की

आज लिख लेने दो, कविता जीवन की !


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