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Sapna Shabnam

Inspirational

5.0  

Sapna Shabnam

Inspirational

क्या हुआ गर

क्या हुआ गर

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क्या हुआ गर ज़िन्दगी के हर क़दम पर ग़मो का बसेरा है

क्या हुआ गर रास्ते अंजान हैं, और घनघोर अंधेरा है

क्या हुआ गर ख़ुशियों ने मुँह फेर लिया है

क्या हुआ गर हर तरफ़ से दुःखो ने घेर लिया है

क्या हुआ गर ज़िन्दगी बेरंग सी हो गई है

क्या हुआ गर लबों की हँसी कहीं खो सी गई है


माना कि ज़िन्दगी हर पल रोने की वज़ह देने लगी है

माना कि ज़िन्दगी हर पल इम्तिहान लेने लगी है

पर तुम इक बात से अंजान हो शायद तुम अंजान हो

इस बात से कि इन कठिनाइयों से लड़ते-लड़ते तुम

खुद को भुला बैठे हो

तुम भूल गये हो तुम भूल गये हो कि तुम खुद वो शक्ति हो

जो तुम्हारी कल्पना से परे है


तो क्या ख़ाक ये मुसीबतें तुम्हारा कुछ बिगाड़ेंगी जो

तुम्हारी राहों में टाँग अड़ाए खड़े हैं

अरे तुम्ही से है अस्तित्व इनका, तुम्ही इनकी ताकत हो

और इन्हें मिटाने की ताक़त भी तुम्ही हो

भला ये क्या तकलीफ़ देंगे तुम्हें, जिनका अपना कोई

अस्तित्व नहीं

इक बार खुद को पहचानो तो सही.. फिर समझ

जाओगे कि तुमसे बेहतर कोई व्यक्तित्व नहीं।



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