चलता रहा निरन्तर
चलता रहा निरन्तर


मैं कभी रूका नहीं चलता रहा निरन्तर ,
बहती नदिया की जल धार की तरह !
लहरें भी रूक जाती हैं कभी सुस्ताती हैं ,
लहरें भी रूक जाती है कभी सुस्ताती है !!
मैं कभी रूका नहीं चलता रहा निरन्तर ,
अनवरत गिरते पर्वत से झरने की तरह !
बारिश भी थम जाती है कभी सुस्ताती है ,
बारिश भी थम जाती है कभी सुस्ताती है !!
मैं कभी रूका नहीं चलता रहा निरन्तर ,
पुष्पों की फिजाओं में उड़ती खुशबू की तरह !
पवन भी थम जाती है कभी सुस्ताती है ,
पवन भी थम जाती है कभी सुस्ताती है !!
मैं कभी रूका नहीं चलता रहा निरन्तर !
रौशनी में साथ चलते एक साये की तरह ,
साँसें भ
ी रूक जाती हैं कभी सुस्ताती हैं ,
साँसें भी रूक जाती हैं कभी सुस्ताती है !!
मैं कभी रूका नहीं चलता रहा निरन्तर ,
गतिमान चलते समय के चक्र की तरह !
जिन्दगी भी रूक जाती है जब मौत आती है ,
जिन्दगी भी रूक जाती है जब मौत आती है !!
मैं कभी रूका नहीं चलता रहा निरन्तर !
जीत को मन में रख कर विजय की तरह ,
हार भी रूक जाती है कभी जीत में
बदल जाती है,
हार भी रूक जाती है कभी जीत में
बदल जाती है !!
मैं कभी रूका नहीं चलता रहा निरन्तर ,
मंज़िल की तलाश में पथिक की तरह !
मैं कभी रूका नहीं चलता रहा निरन्तर ,
मैं कभी रूका नहीं चलता रहा निरन्तर !!