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लता तेजेश्वर रेणुका

Inspirational

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लता तेजेश्वर रेणुका

Inspirational

कस्तूरी मेरे मन की

कस्तूरी मेरे मन की

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समय की ओज से पा लिया मैंने कस्तूरी

मेरे अंदर बसी थी ढूँढ लिया मैंने कस्तूरी


ढूँढ़ी मैंने गली, चौराह, बाग औ' पगडंडियाँ

नहीं मिला वो सूर्य-किरणों में न चाँदनी में

श्वास भर कर, बंद आँखों से एहसास किया 

मेरे दिल में ही पाया, मेरे मन की कस्तूरी।


सीने से लग गयी वह आँचल में लिपट गयी 

हिरणी-सी बलखाती चंचल गुड़िया रानी

खुशी से छलक उठा नैन, तन-मन पुलकित 

मन की आँगन में जब पा लिया मैंने कस्तूरी।


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உள்நுழை

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