STORYMIRROR

Gurpreet Kaur

Inspirational

3  

Gurpreet Kaur

Inspirational

चेहरा

चेहरा

1 min
283

चेहरे पे चेहरा है

परत दर परत बस चेहरा है

छल है, कपट है

मगर इसमें भी छुपा एक चेहरा है

गुस्से की आड़ में

मासुमियत छुपाता भोला सा चेहरा है

हँसता है, मुस्कराता है

सबको लुभाता ये चेहरा है


मुसकराहट के रूमाल से

आँसुओं को पोंछता ये चेहरा है

सीखो तुम पढ़ना चेहरे को

लफ्ज़ों की अहमियत

जो कम कर दे वो ये चेहरा है

कभी मिल के खो गया

कभी खो के भी मिल गया

बस यही अनजान सा

मगर जाना पहचाना चेहरा है

कभी खूबसूरत

कभी बदसूरत

हाँ मगर एक ही वो चेहरा है।


Rate this content
Log in

More hindi poem from Gurpreet Kaur

Similar hindi poem from Inspirational