तूने मुझे कैसे लिख दिया
तूने मुझे कैसे लिख दिया
लोग कहते थे
कि
तुम...
पढ़ना लिखना नहीं जानती।
बस,
ढोर-पशुओं को...
देख सकती थी...
पाल सकती थी...
खिला-पिला सकती थी...
माँ!
तूने -
मुझे.....
कैसे लिख दिया!!
सोचता हूँ....
तुम -
मुझे....
जितना पढ़ सकी,
उतना...
कोई न पढ़ सका -
आज तक!
ईश्वर भी नहीं!!!!