तूने मेरे लिए किया क्या है?
तूने मेरे लिए किया क्या है?
बेटे के भविष्य और सपने की खातिर
अपना भविष्य अंधकारमय किया है।
न टूटे उसके सपने इसकी खातिर
अपने अरमानों का गला घोंट दिया है।
बेटा पूछता है,
तूने मेरे लिए किया क्या है.? !!1!!
अपना वजूद अपने ही हाथों
मिटाया है।
कांटे अपने दामन में लेकर
जमानें की तकलीफों से बचाया है।
अपनी सारी जिंदगी उसपे ही
वार दिया है।
बेटा पूछता है,
तूने मेरे लिए किया क्या है? !!2!!
बचपन में ऊँगली पकड़के
चलना सिखाया है।
जिंदगी के सारे हुनर उसको
सिखाया है।
अपने सारे गम बनियान की छेद में
छिपाया है।
बेटा पूछता है,
तूने मेरे लिए किया क्या है? !!3!!
बेटा आज बाप का भी बाप
हो गया है।
कंधे पे बैठ, घूमने वाला आज कंधे
से ऊँचा हो गया है।
कामयाबी पे उसकी गर्व से सिर
और भी ऊँचा हो गया है।
बुढ़ापे में मगर,
अंतरात्मा ही झकझोर दिया है।
बेटा पूछता है,
तूने मेरे लिए किया क्या है? !!4!!
उसके कंधे मजबूत करते -करते
खुद के कंधे झुक गए।
सुनकर ये कथन आँख ही
भर आया है।
तूने तो अपना फर्ज़ ही
निभाया है।
इस वक्तव्य ने तो अकेला के क्रोध की
अग्नि को और भी प्रज्वलित किया है।
बेटा पूछता है,
तूने मेरे लिए किया क्या है? !