तूफ़ान
तूफ़ान
जब वक़्त की बारी आती है,
हर सतह से रेत उड़ जाती है।
सहम जाती है हर नज़र वहां,
जब जिंदगी तूफ़ान में जाती है।
हर ज़र्रा अपना वजूद खो देता है,
जब धरती सागर में खो जाती है।
हर आशियाँ उजड़ा नज़र आता है,
हर दिमाग की सोच खो जाती है।
फिर जीवन की तलाश में ज़िंदगी,
धरती पर फिर जन्म कंही पाती है।
जब वक़्त की बारी आती है,
हर चेहरे से पर्दे उठाती है।
हर चेहरा धुंधला हो जाता है
जब पहचानने की बारी आती है।
