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Salil Saroj

Tragedy

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Salil Saroj

Tragedy

तू मेरा कल नही, तू मेरा आज नही

तू मेरा कल नही, तू मेरा आज नही

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तू मेरा कल नही, तू मेरा आज नहीं

तेरे मेरे दरम्यान अब कोई राज़ नहीं


तूने बुलाने में बहुत देर कर दी हमनशीं

सफर से लौट आने का रिवाज नहीं


तेरा नूर भले माहताब होगा ज़माने में

बेपर्दा हुश्न पर हमें तो कोई नाज़ नहीं


हुश्न की फिदरत है हर शय में बदल जाना

इश्क़ के यूँ बेअदब हो जाने के अंदाज़ नहीं


तुम तड़पोगी,तुम तरसोगी हमारे लिए

मेरी जुदाई में आह होगी,आवाज़ नहीं


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