मैंने आग़ोश-ए-तसव्वुर में भी खेंचा तो कहा पिस गई पिस गई बेदर्द नज़ाकत मेरी मैंने आग़ोश-ए-तसव्वुर में भी खेंचा तो कहा पिस गई पिस गई बेदर्द नज़ाकत मेरी
दर-दर भटक रहा था मन मेरा, जिसे तुम्हारी जुल्फों ने पनाह दिया। दर-दर भटक रहा था मन मेरा, जिसे तुम्हारी जुल्फों ने पनाह दिया।
तुम तड़पोगी,तुम तरसोगी हमारे लिए मेरी जुदाई में आह होगी,आवाज़ नहीं तुम तड़पोगी,तुम तरसोगी हमारे लिए मेरी जुदाई में आह होगी,आवाज़ नहीं
मेरी जान तुझसे मिलके मजा आ गया है। मेरी जान तुझसे मिलके मजा आ गया है।
'मै प्यास हूँ कुछ हवश को बुझाने की, एक शबाब दिल की दूजी शराब महखाने की।' शर्ब और शबाब दोनों ही इन्सा... 'मै प्यास हूँ कुछ हवश को बुझाने की, एक शबाब दिल की दूजी शराब महखाने की।' शर्ब और...
लव है पैमाना ,नज़रे है मैख़ाना तेरी चाहत दुनियां कि तकदीर दीदार बिन पिए वहक जाना।। लव है पैमाना ,नज़रे है मैख़ाना तेरी चाहत दुनियां कि तकदीर दीदार बिन पिए वहक जाना।।