खिल गई कलियाँ और फूल बन गईं नज़ाकत ये ऐसी किसी-किसी में आये , नशा जो तुम्हारी आँखों में है मय भी दे... खिल गई कलियाँ और फूल बन गईं नज़ाकत ये ऐसी किसी-किसी में आये , नशा जो तुम्हारी आ...
आँखें नहीं देखती अब ख़्वाब के मैं किसी के घर की शोभा बनूँ और दिल भी कहाँ खाली है नए रंगीन सपनों... आँखें नहीं देखती अब ख़्वाब के मैं किसी के घर की शोभा बनूँ और दिल भी कहाँ खाल...
मैंने आग़ोश-ए-तसव्वुर में भी खेंचा तो कहा पिस गई पिस गई बेदर्द नज़ाकत मेरी मैंने आग़ोश-ए-तसव्वुर में भी खेंचा तो कहा पिस गई पिस गई बेदर्द नज़ाकत मेरी
तेरी जिस्म से गुजरती हर साँस से वाकिफ़ हैं हम तेरी जिस्म से गुजरती हर साँस से वाकिफ़ हैं हम
तुम्हें रोज़ सीने से लगाए बिस्तर पे करवटे बदलता, तुम्हें रोज़ सीने से लगाए बिस्तर पे करवटे बदलता,
पर उसे भी मैं नज़ाकत से रखूंगा अगर हुए आप कभी गमशुदा वादा है हमारा, जान भी दे देंगे पर उसे भी मैं नज़ाकत से रखूंगा अगर हुए आप कभी गमशुदा वादा है हमारा, जान भी...