तू जग से प्यारी है माँ
तू जग से प्यारी है माँ
तू जग से प्यारी है माँ, सुन्दर और तू न्यारी है माँ
अब ना रुलाऊंगा तुझको कभी, जब तक साँस चलेगी माँ
जब मैं छोटा बच्चा था, तब तेरा गुस्सा करना, था लगता मुझको बुरा माँ
अब चाहता हूँ तू गुस्सा कर, अब तेरी डांट सुनने को जी चाहता है माँ
तुम पर मेरा गुस्सा करना, था वो सब नासमझी माँ
लेकिन तेरा मुझको कैसे भी मनाना, होता था ये बार-म-बार माँ
भगवान ने तुझको है बचाया, मेरे लिए बार-म-बार माँ
वो सब दिन याद है माँ, जब होती थी तू बीमार
सहम जाता हूँ आज भी माँ, जब होती है तू बीमार
माँ तू तो बहुत अनमोल है, तेरा कोई तौल नहीं माँ
पता मुझे बहुत बाद बाद चला, वो सब था नासमझी माँ
हाँ वक़्त बहुत ज्यादा लगा, ये समझने में मेरी माँ
काश मुझे समझ आ जाती जल्दी तो, ना करता वो ग़लती माँ
तू कितनी दया वाली है जो, मुझे सहते सहते यूँ रह गयी माँ
तुमने मेरी ग़लती को, अपने गले से है लगाते रह गयी माँ
तू जग से प्यारी है माँ, सुन्दर और तू न्यारी है माँ
ग़लती जो कर गया हूँ माँ, भुला देना उस ग़लती को माँ
तू अनमोल है इस जहाँ में माँ, एहसास नहीं था मुझको माँ
तुझे रुलाया कितना मैं माँ, काश सजा मुझे मिल जाती माँ
अब ना रुलाऊंगा कभी तुझको मैं माँ जब तक साँस चलेगी माँ
तू जग से प्यारी है माँ सुन्दर और तू न्यारी है माँ ।
अफ़सोस मलाल उस बात का है, जब तुमसे तीखी बातें करता था मैं,
माँ बिल्कुल भी समझ नहीं था, अनजाने में तीखी बातें करता था मैं
तूने सहा है कितना दुःख माँ, मुझे सब कुछ आज भी याद है माँ
अब तू कुछ ना सहेगी माँ, तेरे बदले में मैं सब सहूंगा माँ
कितना मैं था जिद्दी, सब जिद्दी को अपने सर तू उठायी माँ
रिस्ता फर्ज निभाते-निभाते, तू तो बहुत थक गयी होगी माँ।
तेरी आँचल का वो प्यार सदा ही, याद रहेगी मुझको मेरी माँ
जब तक सांस चलेगी तब तक, हर आह में याद आओगी माँ
जब-जब दर्द होता है तो, पहले याद तू ही आती है माँ
खुद ना खा के मुझे खिलाती, ऐसे ही अस्मित प्यार करती है माँ
माँ नाम का मोल बहुत है, ऐसे ही अनमोल नहीं है कोई माँ
तू जग से प्यारी है माँ सुन्दर और तू न्यारी है माँ।
वो बालपन का नटखट और तुझसे जो किया था झटपट माँ
अब बहुत ही याद है आता, जी चाहता फिर से बच्चा बन जाऊं माँ
तेरी असीम प्यार और निःस्वार्थ स्नेह, नहीं है ऐसा इस दुनिया में माँ
बेशक वो प्यार आज भी मिलता है, पर जिम्मेदारी ने कंधों को झुकाया माँ
जब था मैं छोटा बच्चा तो, किसी जिम्मेदारी का बोझ नहीं था माँ
जब से संभाला खुद को, मैं जी चाहता फिर से बचपन जीने को माँ
अब ना रुलाऊंगा तुझको कभी, जब तक साँस चलेगी माँ
तू जग से प्यारी है माँ सुन्दर और तू न्यारी है माँ।।