तू ही समाई प्रेम की बरसातों में
तू ही समाई प्रेम की बरसातों में
दिल की पनाहों में यादों में बाहों में
तू ही समाई है प्रेम की बरसातों में
बाजार गर्म है इश्क़ के
नग्मों में भी उफान है
दीवाली आई है
चाहतें बरसाओ ना तुम मेरी राहों में।
इबातदत भी कर्म भी है तू
बहारों की रानी है तू
रूह में समा जाऊं तेरी
तेरे सपने सजे है मेरी आंखों में।
दिल की पनाहों में यादों में बाहों में
तू ही समाई है प्रेम की बरसातों में