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Radhamohan Pujahari

Romance

4  

Radhamohan Pujahari

Romance

"तू देना मेरा साथ"

"तू देना मेरा साथ"

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मंजिल बहुत दूर है

ए दोस्ततू देना मेरा साथ,

किसी भी सीमा को लांघ जाऊँगा

बस तू पकड़े रहना मेरा हाथ I


देखता रहूँ तेरी सुन्दर काया को

तुझ पर न पड़ने दूँ किसी की साया को

बाँध दूँ खुद को तेरी माया में

कहूँ मैं तुझे अपने मन की बात

ए दोस्ततू देना मेरा साथ I


ठोकरें खा-खा कर आया हूँ

आज तूझे अपना बनाकर लाया हूँ

अरमान है आसमाँ को छू लूँ

धरती को चुम लूँ और

आगे बढ़ चलूँ अपनी मंजिल की ओर

तेरे बिन न बीते कोई रात


कभी न छोड़ना मेरा हाथ

ए दोस्ततू देना मेरा साथ I"


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