"याद आती हो तुम"
"याद आती हो तुम"
1 min
269
धरती की इस हरियाली में
सूरज की धूप भरी प्याली में
याद आती हो तुम....
हँसते हुए फूलों की कली में
जन पथ की सुनसान गली में
याद आती हो तुम....
गुनगुनाते भँवरों की टोली में
दिल की हर भाषा की बोली में
याद आती हो तुम....
मस्त-मौला हवा पूछने लगी
वह है कौन ?
वह है कौन ?
कैसे कहूँ उसे कि
"तुम तुम ही हो"...
न जाने तुम बिन ये दिल भी
आज क्यों है मौन ?