तू बस मेरी है
तू बस मेरी है
तू मेरी थी तू मेरी है, सदा ही तू मेरी होगी
बीना तेरे इन आँखों में, ना सूरत दूसरी होगी
करूँ कैसे इबादत मैं किसी और चेहरे की
कि मेरे दिल में तुम्हारे बिन, कोई ना दूसरी होगी
कभी मुस्कान दे देना, कभी आँसू बहा देना
मैं तेरा हूँ हमेशा से, बस ये फरमान दे देना
तेरा ही हक़ है मुझपर, ये हक़ से बोल देना तुम
मेरे जीवन पर बस इतना सा, तुम एहसान कर देना
कभी तू रूठ जा मुझसे, कभी मुझको मना लेना
कभी मिलने को तुम आओ, कभी मुझको बुला लेना
यही है रीत चाहत की, जो समझो तो मैं बतलाऊँ
कभी तुम जल के बुझ जाओ कभी मुझको जला लेना
सभी को बात ये दिल की, बताया यूं नहीं करते
लगी हो चाहे जैसी भी, जताया यूं नहीं करते
मजा है क्या बताने में, अपनी हैसियत बोलो
मोहब्बत में जो बिक जाए. उसे तोला नहीं करते
तू जैसी है मैं जैसा हूँ, यही अपनी कहानी है
मेरी तुझ पर तेरी मुझपर, फिदा ये ज़िंदगानी है
ना मिलते तुम ना मिलते हम तो बोलो हाल क्या होता
गुज़र रहा जो ये मौसम, बताओ साल क्या होगा।

