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Ajay Amitabh Suman

Children Others

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Ajay Amitabh Suman

Children Others

तुमको कैसे भगवान दूँ

तुमको कैसे भगवान दूँ

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जीवन के तुमूल कानन में, तिमिर आच्छादित आनन में।

मन में तन में जो रहे खोट, थी वसन जमी जो घटाटोप।


अब निज में प्रकाश बहा, ना घटा बची आकाश रहा।

अब प्रेम हृदय में प्रस्फुटित, कि राग, द्वेष, द्वंद्व तिरोहित।


है प्राण प्रवाहित नील गगन, अब ताप मुक्त हो रहा ये मन।

कि ना चिंता ना कोई कष्ट, ना तन मन ये संताप त्रस्त।


वो प्रेम सुधा बहती सब में, हममे तुममे हर डग जग में,

तुम भी पीड़ा तज सकते हो, जब तक इस राह न चलते हो।


तुम भी कर सकते सुधा-पान, क्यों खोज रहे कोई प्रमाण?

सागर मांगे तुमसे छलाँग, ईश्वर चाहे तेरे कलुषित मान।


और तुम कहते अभिज्ञान दुँ, ईश्ववर की मैं पहचान दुँ,

निज अनुभव क्या मैंं प्रमाण दुँ, तुमको कैसे भगवान दुँ?






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