Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

Jai Prakash Pandey

Tragedy

3  

Jai Prakash Pandey

Tragedy

तुम्हें सलाम

तुम्हें सलाम

1 min
491


दुखते कांधे पर

भोतरी कुल्हाड़ी लेकर 

   

पसीने से तर बतर

फटा ब्लाऊज पहनकर


बेतरतीब बहते 

हुए आंसुओं को पीकर


भूख से कराहते 

बच्चों को छोड़कर


जब एक आदिवासी 

महिला निकल पड़ती है 

जंगल की तरफ


कांधे में कुल्हाड़ी लेकर 

अंधे पति को अतृप्त छोड़कर


लिपटे चिपटे धूल भरे 

केशों को फ़ैलाकर


अधजले भूखे चूल्हे 

को लात मारकर


और इस हाल में भी 

खूब पानी पीकर


जब निकल पड़ती है 

जंगल की तरफ


फटी साड़ी की  

कांच लगाकर


दुनियादारी को 

हाशिये में रखकर


जीवन के अबूझ 

रहस्यों को छूकर


जंगल के कानून 

कायदों को साथ लेकर


अनमनी वह 

आदिवासी महिला


दौड़ पड़ती है 

जंगल की तरफ


पराये होने का

अहसास लिए 


आपने आप से पूछती 

फिर भी मैं पराई हूं 


जंगल से आवाज़ आती है 

पराई नहीं हो तुम जीवन हो 



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Tragedy