STORYMIRROR

V. Aaradhyaa

Classics Inspirational

4  

V. Aaradhyaa

Classics Inspirational

तुम्हें लौटकर आना चाहिए था

तुम्हें लौटकर आना चाहिए था

1 min
252

तुम्हें लौटना चाहिए था,

लौट के देखना चाहिए था।

तमाम रास्ते बदल जाते हैं,

मंज़िले तक देखना चाहिए था।


जूते बदलते रहते हैँ पैर नहीं,

 ज़रा गौर से देखना चाहिए था।

सूरतें बदलती है पर सीरतें नहीं,

तुम्हें लौटकर आना ना चाहिए था।


इस मासूम से ज़ज़्बाती दिल पर,

अब भी तुम्हारा नाम खुदा हुआ है।

पैर मेरा तुम्हारे ही दर पे रुका हुआ है,

तुम्हें झिरी से झाँक देखना चाहिए था।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Classics