तुम्हें है नमन
तुम्हें है नमन
हे। मातृभूमि के वीर,
तुम्हें सदा नमन हम करते है।
चौड़ी छाती है वीरों की,
ये बात याद हम रखते है।
जल,थल अम्बर के प्रहरी,
तेरा जीवन है सीख मेरी।
खड़ा हिमालय पर हिम बन तू,
शत्रु को मार गिराने को।
रेगिस्तानी तपते धोरों में,
रणबांकुरो की फ़ौज खड़ी।
हम संग तेरे है हर घड़ी,
तुझ से ही महफूज है हम।
दुआ सदा ये करते है,
बेख़ौफ़ चले तेरे कदम।
दुश्मन थर थर कांप उठे,
जब तू बढ़ाये अपने कदम।
तिरंगे की शान हो तुम
लहरे तिरंगा ऊंचा सदा।
हे मातृभूमि के वीर,
तुम्हें सदा नमन हम करते है।