STORYMIRROR

Vandana Purohit

Inspirational

3  

Vandana Purohit

Inspirational

रंग

रंग

1 min
183

    

आज फिर

रंग पर आकर

जिंदगी है ठहरी।

आईना भी देख

आज हुई टीस

बहुतेरी।


 पापा की परी हूं,

 मम्मी की छवि हूं,

 पर नहीं हूं 

हूर की परी मैं।


 मैम सा नहीं

 गोरा रंग है मेरा।

 मैं जीती हूं

 जिंदगी बेबाक।


कमी मुझ में नहीं ,

तुममें कई है।

 काले गोरे की

 जमात में बैठे,

 अनपढ़ तुमसे कई हैं।

      


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational