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Vandana Purohit

Inspirational

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Vandana Purohit

Inspirational

अन्नदाता

अन्नदाता

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लिये हाथों में शस्त्र

अपने कर्म क्षेत्र चले हो तुम।

तपते सूरज का तेज हो

बरसती हो चाहे ठंड।

चाहे छायी घटा घनघोर हो,

तुम हर दिन करते काम।

तुम जग के अन्नदाता हो,

तुमसे हर जन का नाता है।

धरा पर हरियाली छायी है तुमसे,

जीवन की सौगात पायी है तुमसे।

सरल जीवन लिए उदारता सीखी है तुमसे

मेहनत के सब पाठ पढ़ने है तुमसे। 



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