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Mithilesh kumari

Romance

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Mithilesh kumari

Romance

तुम्हारी याद

तुम्हारी याद

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तुम्हारी याद है या गुलाबी सबेरा

लालिमा लिए हुए आकाश में पौ

जुगनू की चमक अँधेरे में

फुहार बारिश की

कड़कती जीवनी धूप में।


शाम के सुरमई, स्लेटी, सफ़ेद

बादल जीवन-आकाश में

महकती रात-रानी

चंपा चमेली दुधिया उज़ाले में

संध्या-कालीन यमन राग़।


अहीर भैरव का तान

धुन, जिसे मन गुनगुनाता है

सुर-ताल, जिस पर, पैर थिरकते हैं

थाप...

हाथ अंगड़ाईयाँ लेते बलखाते हैं।


तुम्हारी स्मृतियाँ ही तो हैं

जिसका तकिया बना मैं सोती हूँ

मेरे अकेलेपन में राग मल्हार

मालकोश छेड़ जाती हैं।


सड़कों की ठोकरों से बचाती हैं

मुझे पल पल, मुतमईन

कर जाती हैं 

जो सुरम्य राग़ गाती हैं

मुझे रंगों से भर जाती हैं।।


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