तुम्हारे खातिर
तुम्हारे खातिर
हर माँ-बाप
अपने संतान के खातिर
एक संतान
अपने मां-बाप के खातिर
एक भाई या बहन
अपने बहन और भाई के खातिर
एक पति या पत्नी
अपने पत्नी या पति के खातिर
सारे रिश्ते का तू ही एक केन्द्र बिन्दु है
इन सब से गुजरा तू रिश्तें का सिंधू है
तुझमें ही हर मोड़ पर ये भाव जगे आख़िर
तुम्हारे खातिर ये सब कुछ तुम्हारे खातिर