Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

Kishan Negi

Romance Fantasy

4.5  

Kishan Negi

Romance Fantasy

तुम्हारा गुनहगार

तुम्हारा गुनहगार

1 min
333


मेरा गुनाह सिर्फ इतना था

तुम्हारी इजाजत बिना तुमसे प्रेम कर बैठा

जब जब नजरें उठाकर देखता तुमको

दिल में यही ख्याल उभरता हर बार

पहली मोहब्बत का इज़हार

करूं भी तो कैसे करूं

तुम तो बस मुस्कुराकर निकल जाती अपनी राह

और यहां दिल पर क्या गुजरती 

तुम भला क्या जानो

पत्थर रखकर कलेजे पर

करता आने वाली घड़ी का इंतजार

कई दिन, कई हफ्ते, कई महीने

गुजार दिए इसी उम्मीद में

कभी तो वो पल आयेगा

जब इस दिल का दर्द भरा पैगाम 

पहुंचेगा तुम्हारे दिल की धड़कनों तक

बस एक बार, सिर्फ एक बार

कभी झांको तो सही उन आंखों में

जिनको है आज भी तुम्हारे आने का इंतजार

गर ये गुनाह है

तो सजा भी जरूर होगी इस गुनाह की

मेरी नरम बांहों में सिमटकर

अपने गुनहगार को उसके गुनाह की सजा दो



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance