मैं तुम होना चाहता हूँ
मैं तुम होना चाहता हूँ
मैं चाहता हूँ मुझे मधुर सपने आए
और उनके तेज से खिले कलियों के फूल बनकर
आगत कराने की अभिलाषा करूँ
अपने कमरे में खुद की
मैं मांगूंगा आशीष तुम्हारे हाथों से
मेरे हाथों में
बिना किसी से भी बातें कर
बस खामोशी सुनना चाहता हूँ
तुम्हारे शब्दों की मिठास भर लूँगा मैं
घने अंधेरों के कानों में
सुनहरे उगते किरनों की टिमटिम में
तुम्हारी हँसी के उजाले बिखेरना चाहता हूँ
तुम्हारी आँखों में उतरकर
मैं तुझ में समाना चाहता हूँ
सितारों की गर्दिश में एकाकी चांद बनकर
तुमको मैं मुझे देखते हुये देखना चाहता हूँ
बस मैं तुम होना चाहता हूँ ।

