तुम्हारा अधिकार हूँ
तुम्हारा अधिकार हूँ
होंठों पे सजा वो नाम हूँ
सजल ओस की बूंदों सा तुम्हारा अलंकार हूँ
वक़्त की तह से भी ना टूटूँ
हाँ मैं तुम्हारा ही इकलौता सुमार हूँ
निपुण प्रेम व्याख्या तुम्हारे तेज
मैं उनका पनाह हूँ
चाह कर भी ना जुदा तुमसे
कर्ण सा कुंडल मैं तुम्हारे बदन में सजा हूँ
सूरज तारे करें सम्मान तुम्हारी
मैं तुमसे जागृत तुम्हारा एक अंश हूँ
प्यार से कहती कामिल मुझे
मैं तुम्हारा स्वतंत्र अधिकार हूँ
कोपल से स्वर गुँजीत मुझमें
मैं तुम्हारे तालू पे सजा शब्द हूँ
आकार निराकार ब्रह्म तुम
तुमसे उत्पन्न मैं तुम्हारा उपमा हूँ
पल पल सजता मुख पे तुम्हारे
तुमसे जागृत मैं तुम्हारा ही अनुराग हूँ

