इतना साहस दे माँ मुझे इस जीवन में निडरता से अन्याय का विरोध कर पाऊँ। इतना साहस दे माँ मुझे इस जीवन में निडरता से अन्याय का विरोध कर पाऊँ।
समाकर किसी समन्दर में नदी की तरह स्वतंत्र अस्तित्व वाली औरत है वह..। समाकर किसी समन्दर में नदी की तरह स्वतंत्र अस्तित्व वाली औरत है वह....
त्याग आई जो दुनिया दुनिया मैं तुम्हारी ख़ातिर किया तुम ही को सर्वस्व समर्पित त्याग आई जो दुनिया दुनिया मैं तुम्हारी ख़ातिर किया तुम ही को सर्वस्व स...
सुबह की लालिमा है होंठ में सजी लाली! सुबह की लालिमा है होंठ में सजी लाली!
तू मेरी नयी उपमा तू मेरी गज़ल है तू मेरी नयी नज़म तू मेरी फज़ल है तू मेरी नयी उपमा तू मेरी गज़ल है तू मेरी नयी नज़म तू मेरी फज़ल है
चाह कर भी ना जुदा तुमसे कर्ण सा कुंडल मैं तुम्हारे बदन में सजा हूँ चाह कर भी ना जुदा तुमसे कर्ण सा कुंडल मैं तुम्हारे बदन में सजा हूँ