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Roli Abhilasha

Romance

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Roli Abhilasha

Romance

तुम्हारा आना

तुम्हारा आना

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जाने कौन से पैरहन में आते हो

मन प्रेम से भर जाते हो

कितना भी चाहूं तुमको

चाहत तो कम होती ही नहीं।


अम्बर भर जाता है उन्माद से

धरती शरमा कर टूटने लगती है

बस तुम्हारे आने का खयाल भर ऐसा है जो

अमावस हो या पूनम, चांद बनकर छाता है।


प्रेम है मुझे तुमसे या तुम्हीं प्रेम हो

बस इसी सवाल में मुझमें तुम सँवर जाता है।


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