तुम
तुम
यह धड़कन सब कुछ बयां करता है,
मेरे महबूब तू दिल में इश्क सा रहता है......
देख तुझे मेरी आँखों का तारा बन तू,
बागों में जैसे सुंदर गुलाब खिलता है......
तेरा वह मधुर स्वर संगीत गाना प्रिये,
धड़कन में मेरी रस घोलता है.......
हरपल मैं तुझे ही याद करती हूं,
दिल के हर कोने में तू ही बसता हैं......
तेरा प्रेम कुछ अधूरा सा रह गया है,
निर्मल हवा सा तू मन में बहता है....
हर अदा मस्ती पर हम तेरे मरते हैं
तेरा यूं मुझे देखना बहुत भाता है.......
तेरी शरारत और वो रूठना मनाना
हरदम हरपल मुझको याद आता है.....
महबूब तेरी प्रीत की रीत निभाऊं मैं
मन की हर तरंग यही कामना करता है.....
तू दिले चमन में, फूल सा खिल गया
मेरे दिल में हरपल तू धड़कता है.......